कबीर ने कहा है-
गुरु पारस को अन्तरो ,जानत है सब सन्त । वह लोहा कंचन करे, ये करि लेय महन्त॥
गुरु और पारस पत्थर में क्या अन्तर है ,इस बात को सब सन्त जानते हैं ।पारस लोहे को कंचन बना देता लोहे को पारस नहीं बना सकता ; लेकिन गुरु शिष्यको अपने समान महान बनाने का विशिष्ट कार्य करता है.
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