सिटीजन orientation प्रोग्राम मुझे बहुत अच्छा लगा. इसमे मुझे स्वयम की खोज करने की प्रेरना मिली साथ ही मै स्वयमका मूल्यान्कन करने की विधियो से अवगत हुआ.
मै यह जान पाया वर्तमान मे मे किस मानसिक एवम बोधीक स्तर से अपने कर्तव्यो का निर्वाह कर रहा हू. जिनसे मुझे किस प्रकार प्रतिफल प्राप्त हो रहा है तथा मै अपनी सोच, कर्तव्यो तथा परिस्थियो मे क्या क्या परिवर्तन कर अपने कर्तव्यो एवम सोच को और अधिक बेहतर बन सकता हू. जिससे मै अपने प्रतिफलो बाहय एवम आन्तरिक सोच को और अधिक बेहतर बन सकता हू.
साथ ही किस प्रकार मै अपने समत्च आने वाली चुनौतियो को अधिक आत्मविश्वास एवम जिम्मेदारी से सामना करते हुए दूसरो तथा समाज के प्रति अपने योगदान को और अधिक सार्थक बना कर योगदानकर्ता एवम सामाजिक कार्यो के द्वारा और अधिक सार्थक जीवन जी सकता हू. मै किस प्रकार से अपनी सोच को और अधिक व्यापक बनाकर न केवल दूसरो के अच्छे कार्यानुभव को आत्मसात कर सकता हू ताकि अन्य व्यकियो को भी मार्गदर्शन देकर एक बेहतर समाज के निर्मान मै अपना सक्रिय योगदान दे सकू.
उपरोक्त मार्गदर्शन सोच भरे प्रोग्राम के बाद मैने निश्चय किया कि मै आगे से अपनी सोच को और अधिक व्यापक एवम सन्वेदनशील बनाउन्गा जिससे न केवल मुझे तीनो प्रकार के प्रतिफल मिले वरन अपने समाज के प्रति और अधिक जिम्मैदार एवम सन्वेदनशील भूमिका निभा सकू. मै दूसरो के प्रति अधिक सन्वेदनशील बनुन्गा तथा अपनी भूमिका को बैन्क, परिवार एवम समाज के प्रति और अधिक जिम्मेदारी एवम सन्वेदनशीलता से निभा सकू. मै प्रयत्न् करुन्गा कि दूसरो एवम समाज को अपने प्रयत्नओ से एसे उदाहरन प्रदान करु जिससे बेहतर समाज का निर्मान करने मे मै भी सहयोगी हो जाउ. मै अपने प्रयत्न्ओ को अधिक सार्थक एवम सभी के लिये उपयोगी बनाने तथा दूसरो को भी इस कार्य हेतु प्रैरित करुन्गा. जिससे मै अधिक जिम्मैदारी, वृहद सोच एवम सन्वेदनशील नागरिक बनकर समाज की और अधिक सेवा कर सकू.
VIMAL DUGGAL
ADMINISTRATIVE OFFICER (GENERAL BANKING)
State Bank of Indore
REGIONAL OFFICE,
JABALPUR
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