इन दिनों हर कोई जल्द से जल्द सफलता हासिल करना चाहता है, लेकिन सफलता का कोई शॉर्टकट फार्मूला नहीं है। इसके लिए सही दिशा में अथक परिश्रम, सेल्फ मोटिवेशन के अलावा, बदलते वक्त के साथ-साथ नई तकनीकी से भी खुद को अपडेट करके सफलता हासिल की जा सकती है। और ऐसा करके ही आप आज के कॉम्पिटेटिव वर्क-प्लेस में सफलता के बारे में सोच सकते हैं।
यदि आप कुछ खास बातों पर अमल करें, तो सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।वही करें, जो पंसद होहर प्रोफेशनल की यह इच्छा होती है कि उसे ऐसा काम मिले, जिसमें संतुष्टि हो, चुनौतियां हों आगे बढ़ने के अवसर हों और पैसे भी हों। लेकिन कुछेक लोग ही ऐसे होते हैं, जिन्हें इस तरह का अवसर मिलता है। मनोवैज्ञानिक अशुम गुप्ता कहती है कि कामयाबी आपकी रुचि, दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वयं के प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर ही निर्भर करती है। इसलिए आप वही काम करें, जो आपकी पंसद हो। सफल होने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले अपनी च्वाइस तय करें और एक निश्चित लक्ष्य बनाएं, फिर पूरे मनोयोग से अपने कार्य में लग जाएं।
दरअसल, कामयाबी की कहानी यहीं से शुरू होती hai , safalta कहीं ओर नहीं, बल्कि आपके विश्वास और सिद्धांतों पर भी निर्भर करती है। अपने मौलिक गुणों, विश्वास और रुचियों को समझें और उन्हें प्राथमिकता दें। क्योंकि यही आपको सफलता की राह दिखाएंगी, मंजिल तक ले जाएंगी और समझाएंगी कि सफलता आपके दृष्टिकोण और सिद्धांतों में निहित hai । saphalataa एक चरणबद्ध प्रक्रिया है। इसलिए छोटी-छोटी उपलब्धियों के बल पर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए अगर आप कोई बड़ा काम नहीं कर पा रहे हैं, तो छोटे या सामान्य काम से ही शुरूआत कर सकते हैं।
सच तो यह है कि अपनी रुचि के क्षेत्र में यह सामान्य काम ही सफलता की ओर आपका पहला कदम होगा। प्रत्येक अगला कदम आपको अपने लक्ष्य के नजदीक ले जाएगा। क्योंकि बूंद-बूंद से ही तालाब भरता है। आपके वे छोटे-छोटे कदम एक दिन बड़ी दूरी तय कर लेंगे।सीखने की lalk की प्रक्रिया कभी बंद नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यही आपको अनुभव और संतुष्टि देती है। अपनी असफलताओं से भी सबक लें। क्योंकि असफलता सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक है।
दरअसल यही बताता है कि कमी कहां है, जरूरत किस बात की है और आपसे क्या गलती हुई है।असफलताओं को न जाने दे बेकारअसफलता तब बेकार चली जाती है जब आप उस पर पछताने के अलावा कुछ सीखने का प्रयास ही नहीं करते हैं। तब तक यह हार खुद को बार-बार दोहराती है जब तक आप उससे सबक लेकर खुद में सुधार नहीं लाते हैं। हो सकता है, व्यक्ति असफलता या मुश्किलों से डरे, लेकिन ये भी सफलता के ही रास्ते हैं।याद रखें, सफलता के लिए किया गया प्रयत्न नई सोच एवं नया दृष्टिकोण विकसित करता है।
जय प्रकाश पाण्डेय
माइक्रो फाइनेंस ब्रांच
Bhopal
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