इस कविता में सूरज इसलिए ,
ताकि 'सुबह ' का एहसास रहे ,
इस कविता में ख्वाब इसलिए ,
ताकि उम्मीद का सिलसिला बने ,
इस कविता में याद इसलिए ,
ताकि जीवन में रोमांच मिले ,
इस कविता में 'आग ' इसलिए ,
ताकि सबको परम सुख मिले ,
इस कविता में 'आवाज ' इसलिए ,
ताकि ' जागते रहो ' की मुनादी मिले ,
इस कविता में सुख इसलिए ,
ताकि ग्राहक को संतोष मिले ,
इस कविता में ''सिटिजन '' इसलिए ,
ताकि सच्चे अच्छे को अधिकार मिले ,
इस कविता में' चेयरमेन' इसलिए
ताकि ' सिटिजन एस बी आई ' को याद मिले ,
इस कविता में '' ओबामा '' इसलिए ,
ताकि ' परिवर्तन ' को प्यार मिले ,
----००-----
-- जय प्रकाश पाण्डेय
माइक्रोफाइनेंस शाखा भोपाल
9425852221
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