उन आँखों में झांक के देखो तो सही ,
प्यार झलकता है की नहीं ।
एक कदम बढ़ा के देखो तो सही ,
राह मिलती है की नहीं ।
हाथ बंटा के देखो तो सही ,
काम होता है की नहीं ।
एक बार मुस्करा के देखो तो सही ,
दुनिया अपनाती है की नहीं ।
जय प्रकाश पाण्डेय
माइक्रो फाईनेंस शाखा भोपाल
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